Page 220 - Reliance Foundation School Koparkhairane - School Magazine - Zenith 2021-22
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�ज़ � दगी का नज�रया                                                �नराशा नह� संभावना                                   TEACHER’S IMPACT



            एक �दन यूँ ही पूछ बैठी.. अपने मन से..                             सूरज क� हर एक �करण,                                  The effects created by a teacher last a life time. The influence of a good teacher
                                                                                            े
                                                                                े
            �ज़ � दगी......                                                     दती यही संदश है।                                    never stops. In a class she first holds the students’ attention and then she teaches
                                                                                                                                   the lesson. She makes teaching an art as well as a science. The students feel the joy
            �ा नाम है तु�ारा ?                                                �नराशाएँ ही नह� कह� ,                                of gaining knowledge. Along with the knowledge, she also gives equal importance
                                                                              संभावनाएँ भी शेष ह�।
                           े
            �� आई हो मेर जीवन म�..                                                                                                 to character building. Being a role model, she imparts attributes like self-discipline,
            �ा नाम दूँ तु��..                                                 जीवन अ� होने का नह� ,                                good manners, punctuality, self-hygiene etc. Most importantly, she makes the

            आँख� म� नमी.....                                                  नाम उदय का ही तो है।                                 students curious to know more about the world around them.

            होठ� पर मु�राहट...                                                वषार् क� संभावना से,                                 Shreya Saraogi
                        ु
            कभी यूँ ही �कसी से डर जाना ....                                   चातक का मन पुल�कत-सा है।

            कभी उदास होकर बैठ जाना..
                                                                              इसी संभावना से ही तो,
             ु
            कछ भी ना होने पर �खल�खला कर हँसना...
                                                                              �नभा वचन वह पाता है।
            या... �फर बेवजह                                                   उसका आशावादी हठ,
                                                                                                                                                      ै
            आँख� म� पानी का बरस जाना..                                        वषार् ख�चकर लाता है।                                 �ज़ � दगी खूबसूरत ह.......

            �ा हो तुम �ज़ � दगी ??                                                                                                                                �ज़ � दगी हसीन है इससे �ार करो,
                                                                              और जब पीता है वह,
            तभी....                                                                                                                                            है रात तो �ा सुबह का इंतज़ार करो।
                                                                                        े
                                                                              मधुरस भर घटक को तो,
                 े
            ठहाक लगाकर हँसी �ज़ � दगी                                                                                                                        मु��ल� तो लेती ह� इ��हान हर �कसी का,
                                                                              जीवन संभावनाओं से �घरा है,                                                    पर �क�त से �ादा खुद पर एतबार करो।
            और कहने लगी                                                       यह �व�ास �बल हो जाता है।                                                      �ज़ � दगी जीने का मक़सद खास होना चा�हए,

                        े
            मुझसे.... मेर मन से..                                                                                                                            और अपने आप पर �व�ास होना चा�हए।
            तु�ारी सभी शंकाओं का उ�र �ँ म�..                                  हो �यं पर �व�ास तो,                                                           जीवन म� खु�शय� क� कोई कमी नह� होती,

            �ज � .दगी..                                                       संभावनाएँ �यं बना जाती ह�।                                                         बस जीने का अंदाज़ होना चा�हए।
                                                                              �नराशाएँ आशा बनकर,
            �जसे तुम हँसना रोना कहती हो
                                                                              संभावनाएँ संग गुनगुनाती ह�।                          हमारी ज़�रत� तो थोड़ी ह�, हमारी इ�ाएँ ब�त �ादा ह�। ज़�रत� को पूणर् कर हम� इ�ाओं पर
            वह मेर अंग है... मेर रग है...                                                                                          �वजय �ा� करना होगा, समझना होगा �क हम �कसी भी उ� से उ� �र पर प�ँच जाएँ हमारी
                                ं
                  े
                              े
            तुम चाहो तो मुझे हँस कर �जयो                                      �नराशाएँ सब संभावनाओं को,                            इ�ाएँ कभी भी ख� नह� ह�गी, सदव नई इ�ाएँ ज� लेती रह�गी। जीवन ज� और मृ�ु का
                                                                                                                                                                       ै
                                                                                            े
                                                                                                                                                            े
            तुम चाहो तो मुझे रोकर �जयो                                        दूर पूरा कर दती ह�।                                  एक च� है। इस च� क अं�तम छोर तक गुज़रने से पहले जीवन को जीना हमारा कतर्� है
                                                                                                                                                                                                                         े
                                                                                                                                                           र्
                                                                                                                                                                                        े
            बस इतना कहा                                                       संभावना क� न�� सी लौ,                                और हम� जीवन को �सफ �नराशा, �च � ता, �शकायत� क ताने-बाने म� उलझ कर ख� दना है या
                                                                                                                                                    ु
                                                                                                    े
                                                                              जीवन म� आशा भर  दती है।                              जीवन  को  मु�रा  कर,  ��ेक  क्षण  को  महसूस  कर,  ज्ञान  का  �व�ार  कर,  लोग�  को
            और....
                                                                                                                                   मु�राहट बाँटकर जीना है। यह चुनाव हम� ही करना होगा। अगर हम वा�व म� इस ओर �ान
                                                                                                                                       ु
            समझा गई यह �ज़ � दगी
                                                                                                                                    े
                                                                              Shikha Gour                                          दने लग� �क हम �कतने सौभा�शाली ह� तो वाकई म� हमारा जीवन ब�त आसान हो जाएगा और
            मीठी-सी मु�ान होठ� पर छोड़ गई मेरी खूबसूरत �ज़ � दगी                                                                     हम सभी तब महसूस करगे �क “�ज़ � दगी खूबसूरत है।”
                                                                                                                                                           �
            Rcanaa Vaid                                                                                                            Shuchi Sharma



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