Page 221 - Reliance Foundation School Koparkhairane - School Magazine - Zenith 2021-22
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�ज़ � दगी का नज�रया  �नराशा नह� संभावना  TEACHER’S IMPACT



 एक �दन यूँ ही पूछ बैठी.. अपने मन से..  सूरज क� हर एक �करण,  The effects created by a teacher last a life time. The influence of a good teacher
 े
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 �ज़ � दगी......   दती यही संदश है।   never stops. In a class she first holds the students’ attention and then she teaches
            the lesson. She makes teaching an art as well as a science. The students feel the joy
 �ा नाम है तु�ारा ?   �नराशाएँ ही नह� कह� ,  of gaining knowledge. Along with the knowledge, she also gives equal importance
 संभावनाएँ भी शेष ह�।
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 �� आई हो मेर जीवन म�..  to character building. Being a role model, she imparts attributes like self-discipline,
 �ा नाम दूँ तु��..  जीवन अ� होने का नह� ,  good manners, punctuality, self-hygiene etc. Most importantly, she makes the

 आँख� म� नमी.....        नाम उदय का ही तो है।   students curious to know more about the world around them.

 होठ� पर मु�राहट...  वषार् क� संभावना से,  Shreya Saraogi
 ु
 कभी यूँ ही �कसी से डर जाना ....  चातक का मन पुल�कत-सा है।

 कभी उदास होकर बैठ जाना..
 इसी संभावना से ही तो,
 ु
 कछ भी ना होने पर �खल�खला कर हँसना...
 �नभा वचन वह पाता है।
 या... �फर बेवजह  उसका आशावादी हठ,
                               ै
 आँख� म� पानी का बरस जाना..  वषार् ख�चकर लाता है।  �ज़ � दगी खूबसूरत ह.......

 �ा हो तुम �ज़ � दगी ??                    �ज़ � दगी हसीन है इससे �ार करो,
 और जब पीता है वह,
 तभी....                                है रात तो �ा सुबह का इंतज़ार करो।
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 मधुरस भर घटक को तो,
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 ठहाक लगाकर हँसी �ज़ � दगी            मु��ल� तो लेती ह� इ��हान हर �कसी का,
 जीवन संभावनाओं से �घरा है,          पर �क�त से �ादा खुद पर एतबार करो।
 और कहने लगी    यह �व�ास �बल हो जाता है।  �ज़ � दगी जीने का मक़सद खास होना चा�हए,

 े
 मुझसे.... मेर मन से..                और अपने आप पर �व�ास होना चा�हए।
 तु�ारी सभी शंकाओं का उ�र �ँ म�..  हो �यं पर �व�ास तो,  जीवन म� खु�शय� क� कोई कमी नह� होती,

 �ज � .दगी..   संभावनाएँ �यं बना जाती ह�।   बस जीने का अंदाज़ होना चा�हए।
 �नराशाएँ आशा बनकर,
 �जसे तुम हँसना रोना कहती हो
 संभावनाएँ संग गुनगुनाती ह�।     हमारी ज़�रत� तो थोड़ी ह�, हमारी इ�ाएँ ब�त �ादा ह�। ज़�रत� को पूणर् कर हम� इ�ाओं पर
 वह मेर अंग है... मेर रग है...   �वजय �ा� करना होगा, समझना होगा �क हम �कसी भी उ� से उ� �र पर प�ँच जाएँ हमारी
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 तुम चाहो तो मुझे हँस कर �जयो   �नराशाएँ सब संभावनाओं को,  इ�ाएँ कभी भी ख� नह� ह�गी, सदव नई इ�ाएँ ज� लेती रह�गी। जीवन ज� और मृ�ु का
                                                ै
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                                     े
 तुम चाहो तो मुझे रोकर �जयो    दूर पूरा कर दती ह�।   एक च� है। इस च� क अं�तम छोर तक गुज़रने से पहले जीवन को जीना हमारा कतर्� है
                                                                                                  े
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 बस इतना कहा   संभावना क� न�� सी लौ,  और हम� जीवन को �सफ �नराशा, �च � ता, �शकायत� क ताने-बाने म� उलझ कर ख� दना है या
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 े
 जीवन म� आशा भर  दती है।  जीवन  को  मु�रा  कर,  ��ेक  क्षण  को  महसूस  कर,  ज्ञान  का  �व�ार  कर,  लोग�  को
 और....
            मु�राहट बाँटकर जीना है। यह चुनाव हम� ही करना होगा। अगर हम वा�व म� इस ओर �ान
                ु
 समझा गई यह �ज़ � दगी
             े
 Shikha Gour  दने लग� �क हम �कतने सौभा�शाली ह� तो वाकई म� हमारा जीवन ब�त आसान हो जाएगा और
 मीठी-सी मु�ान होठ� पर छोड़ गई मेरी खूबसूरत �ज़ � दगी   हम सभी तब महसूस करगे �क “�ज़ � दगी खूबसूरत है।”
                                    �
 Rcanaa Vaid  Shuchi Sharma



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